पाकिस्तान ने सीजफायर समझौते का उल्लंघन सिर्फ 4 घंटे में कर दिया और एक बार फिर कई जगहों पर ड्रोन हमले किए। 1 इनमें गुजरात, राजस्थान के साथ-साथ जम्मू और श्रीनगर भी शामिल हैं। इन ड्रोन में से एक को जम्मू में वैष्णो देवी की ओर जाते हुए देखा गया। जिसके बाद वहां ब्लैकआउट कर दिया गया। इससे यह बात साफ हो गई कि पाकिस्तान की सेना शहबाज शरीफ की सरकार के नियंत्रण में नहीं है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर अपनी अलग सरकार चला रहे हैं। तो, क्या पाकिस्तान की यह हरकतें किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हैं? आइये जानते हैं विस्तार से।

पहलगाम हमला और जनरल मुनीर का ‘दो राष्ट्र सिद्धांत

पहलगाम में आतंकवादी हमला जनरल असीम मुनीर के ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ पर बयान देने के बाद ही हुआ। कई लोगों का मानना है कि मुनीर ने ही पहलगाम पर हमले का आदेश दिया था। जिसके बाद आतंकवादियों ने इसे अंजाम दिया। पहले, पहलगाम की बैसरन घाटी में हिंदुओं से उनका धर्म पूछकर नरसंहार किया गया। अब पाकिस्तान वैष्णो देवी पर ड्रोन हमला करके क्या करना चाहता है? इस सवाल का जवाब ढूंढना मुश्किल है। वैष्णो देवी के त्रिकुटा पर्वत पर ड्रोन गतिविधि देखी गई है। क्या यह धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश है?

श्रीनगर में 20 मिनट में 50 से ज़्यादा धमाके

सीजफायर के बाद, पाकिस्तानी सेना ने सबसे ज़्यादा जम्मू और कश्मीर को निशाना बनाया है। श्रीनगर में सिर्फ 20 मिनट में 50 से ज़्यादा धमाकों की आवाजें सुनी गईं। जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर में भारी धमाके सुने गए। इन हमलों के बाद यह साफ हो गया है कि पाकिस्तानी सेना वहां की सरकार की नहीं सुन रही है और जनरल असीम मुनीर कहीं न कहीं खुद को जनरल परवेज मुशर्रफ की तरह तानाशाह बनाने की राह पर निकल पड़े हैं। क्या पाकिस्तान में फिर से सैन्य शासन की आहट है?

पाकिस्तान ने दिखाया असली रंग

इससे पहले, जम्मू और कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के फैसले का स्वागत किया था। जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा था कि ‘देर आए दुरुस्त आए।’ उमर अब्दुल्ला ने अपने आवास पर पत्रकारों से कहा कि ‘मैं भारत सरकार के प्रवक्ता द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की बहाली के संबंध में की गई घोषणा का दिल से स्वागत करता हूं।’ लेकिन, पाकिस्तान ने अपनी हरकतों से एक बार फिर साबित कर दिया कि उस पर भरोसा करना कितना मुश्किल है।