‘Operation Sindoor: 20 दिनों की बेचैनी और उम्मीदों के बाद BSF कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ आखिरकार पाकिस्तान से भारत लौट आए हैं। बुधवार सुबह करीब 10:30 बजे उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंपा गया। DGMO लेवल की बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों के बाद पाकिस्तान ने उन्हें रिहा किया।

कैसे पहुंच गए पाकिस्तान?

23 अप्रैल 2025 को, पंजाब के फिरोज़पुर सेक्टर में ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान पूर्णम कुमार गलती से सीमा पार कर गए थे। इसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इस दौरान BSF ने अपने जवान की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार उच्च स्तरीय वार्ताएं कीं।

पाकिस्तान ने जारी की थीं तस्वीरें

पूर्णम कुमार के पकड़े जाने के बाद, पाक रेंजर्स ने 24 अप्रैल को दो तस्वीरें जारी की थीं, जिनमें से एक में वह एक पेड़ के नीचे खड़े दिखे — उनकी राइफल, बैग और पानी की बोतल ज़मीन पर पड़ी थी। दूसरी तस्वीर में उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी, जिससे भारत में चिंता और आक्रोश दोनों बढ़ गया था।

मेडिकल जांच के लिए भेजा गया

भारत लौटते ही कॉन्स्टेबल पूर्णम को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। BSF की ओर से प्रेस रिलीज में बताया गया कि जवान की शारीरिक और मानसिक स्थिति की पूरी जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें पाकिस्तान में कोई यातना तो नहीं दी गई।

पूर्णम कुमार की सुरक्षित वापसी पर BSF ने जताई खुशी
BSF ने जवान की सुरक्षित वापसी पर संतोष जताते हुए कहा है कि यह हमारे जवानों के प्रति संस्थान की निष्ठा और जिम्मेदारी का प्रतीक है। जल्द ही जवान की काउंसलिंग और परिवार से मिलने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।