Reliance Jio : रिलायंस जियो ने अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस के लिए 26GHz बैंड में रेडियो तरंगों के यूज की मंजूरी लेने के लिए उसने टेलिकॉम डिपार्टमेंट से कॉन्टेक्ट किया है। जियो की ओर से यह रिक्वेस्ट पिछले सप्ताह DoT से किया था। यदि कंपनी 5G के लिए आवंटित स्पेक्ट्रम का यूज किसी दूसरी टेक्नोलॉजी के लिए करती है तो उनके लिए पहले से ही मंजूरी लेना जरूरी है।
टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस के लिए तगड़ी प्लानिंग कर रही है। कंपनी की ओर से Wi-Fi सर्विसों में विस्तार के लिए DoT से 26GHz बैंड में रेडियो तरंगों के यूज की मंजूरी लेने के लिए उसने टेलिकॉम डिपार्टमेंट से कॉन्टेक्ट किया है।
जियो की ओर से यह रिक्वेस्ट पिछले सप्ताह DoT से किया गया था। फिन्हाल, DoT के तरफ से भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है। टेलिकॉम एक्ट के अनुसार, 2022 के नीलामी के लिए दस्तावेज में यह स्पष्ट रूप से बिल गया है की अगर 5G के लिए आवंटित स्पेक्ट्रम का यूज यदि किसी दूसरी टेक्नोलॉजी के लिए होता है तो इसके लिए पहले से ही मंजूरी लेना जरूरी है।
NIA यानी नोटिस इन्वाइटिंग एप्लीकेशन के मुताबिक, कोई भी अलग टेक्नोलॉजी को लागू करने के मैटर में करीब छ: महीने पहले ही नई तकनीक के बारे में डिटेल्स दि जानी चाहिए।
टेलिकॉम कॉम्पनियों को बैंड को कोई नए काम के लिए इस्तेमाल करना होता है तो 6 महीने पहले से ही अप्लाई करना होता है। जियो के द्वारा कीये गए इस आवेदन पर DoT की किसी भी प्रकार का प्रोसेस सामने नहीं आया है। यदि किसी दिन भी जियो का अप्रूवल मिल जाता है तो Airtel की ओर से भी इसी तरह का आवेदन कर सकता है।
26GHz बैंड के फायदे
देखा जाए तो टेलिकॉम कंपनी ही Wi-Fi बेस ब्रॉडबैंड सर्विस 5GHz बैंड पर ही उपलब्ध करवाती है। साथ ही, 26GHz बैंड और 3300MHz आवृत्ती को 5G नेटवर्क के लिए रिजर्व किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जियो के Wi-FI में 5G सेवाओं के लिए 26GHz बैंड का यूज करके, हाइब्रिड प्रोजेक्ट लाया जा सकता है।
इसके तहत कंपनी शहरों में अधिक आबादी वाले जगहों में ग्राहकों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड सर्विस ऑफर करवा सकती है। वहीं, कंपनी 5GHz बैंड की अल्ट्रा हाई स्पीड कवरेज की कैपेसिटी को और भी ज्यादा बेहतरीन करने की प्लानिंग कर रही है।