अहमदाबाद में 12 जून को दोपहर करीब 2 बजे हुए भयानक विमान हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में अब तक 133 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जो दिल दहला देने वाला आंकड़ा है। विमान में चालक दल और यात्रियों समेत कुल 242 लोग सवार थे।
हादसे के बाद जिस तरह से विमान आग के गोले में तब्दील हो गया, उससे मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या विमान हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को बीमा कंपनी से पैसे मिलते हैं? आइए भारत में लागू इन अंतरराष्ट्रीय नियमों और दिशा-निर्देशों को विस्तार से समझते हैं, ताकि पीड़ितों के परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजे के बारे में पूरी जानकारी मिल सके!
मुआवजे के लिए अंतरराष्ट्रीय नियम
अगर हवाई यात्रा के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है या वह गंभीर रूप से घायल हो जाता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत राहत मिलती है।
डीजीसीए (नागरिक विमानन महानिदेशालय) के एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि यह राहत मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 के तहत मिलती है। दुनिया के ज्यादातर देश इस नियम का पालन करते हैं और भारत भी इस समझौते पर हस्ताक्षरकर्ता है। इस नियम के तहत अगर किसी एयरलाइन कंपनी का विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है तो कंपनी पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देती है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए विशेष नियम और मुआवजे की राशि
अगर किसी यात्री की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्य को ₹1.4 करोड़ (1,75,000 डॉलर) मिलते हैं। घायल होने की स्थिति में ₹1.4 करोड़ तक का मुआवजा दिया जाता है, जो चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर यह साबित हो जाता है कि दुर्घटना एयरलाइन कंपनी या उसके कर्मचारियों की गलती की वजह से हुई है तो मुआवजे की राशि बढ़ सकती है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इस नियम का और सख्ती से पालन किया जाता है।
भारत में डीजीसीए की गाइडलाइन और ट्रैवल इंश्योरेंस
भारत में डीजीसीए की इस तरह के मुआवजे के लिए अपनी गाइडलाइन हैं। इनके तहत: एयरलाइन कंपनी यात्रा करने वाले व्यक्ति को बीमा सुविधा देती है। इसके लिए टिकट किराए में बीमा राशि शामिल होती है। यात्री खुद भी ट्रैवल इंश्योरेंस लेते हैं। अगर कोई व्यक्ति छुट्टियों में या किसी काम से विदेश जाता है तो वह ट्रैवल इंश्योरेंस जरूर लेता है।
इस इंश्योरेंस में यात्री की जान का भी बीमा होता है। इसका मतलब यह है कि अगर विमान दुर्घटना में व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को बीमा कंपनी से बीमा राशि मिलेगी। यही वजह है कि विदेश जाने वाले लोग ट्रैवल इंश्योरेंस करवाना जरूरी समझते हैं। इससे अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना में मुआवजा
12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुआ एयर इंडिया का विमान लंदन जा रहा था। यह एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान थी, इसलिए इस पर मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के नियम लागू होंगे।
इस विमान के यात्रियों को एयरलाइंस द्वारा मुआवजा दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में हर यात्री के बीमा का खास ख्याल रखा जाता है।
जिन यात्रियों ने ट्रैवल इंश्योरेंस लिया था, उन्हें बीमा कंपनी द्वारा बीमा राशि भी दी जाएगी। यह राशि एयरलाइन द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे के अतिरिक्त होगी।
मुआवजा प्रक्रिया और परिवारों को सहायता
विमान दुर्घटना के बाद, मुआवजे की प्रक्रिया में कई चरण होते हैं:
मृतकों और उनके कानूनी उत्तराधिकारियों की पहचान सत्यापित की जाती है।
परिवार के सदस्य एयरलाइन और/या अपनी बीमा कंपनी के पास मुआवज़े का दावा दायर करते हैं।
दुर्घटना जांच रिपोर्ट भी मुआवज़े और देयता की राशि निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कई परिवार इस प्रक्रिया के लिए कानूनी सहायता भी लेते हैं ताकि उन्हें उचित मुआवज़ा मिल सके।