7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक और बड़ा बदलाव कर दिया है! महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की बात तो पुरानी हो गई, अब सरकार ने सीधे नियमों में फेरबदल किया है। और ये कोई मामूली बदलाव नहीं है, सीधा आपकी जेब पर असर डालेगा, खासकर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन और ग्रेच्युटी पर!

सरकार ने एकदम कड़क लहजे में कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि अगर काम में जरा भी लापरवाही हुई ना, तो समझ लो रिटायर होने के बाद आपकी पेंशन और जो एकमुश्त मोटी रकम मिलती है (ग्रेच्युटी), वो अटक सकती है! सीधे-सीधे हुक्म जारी हो गया है कि अगर कोई भी कर्मचारी अपने काम में ढिलाई बरतता है, तो उसकी रिटायरमेंट की पेंशन और ग्रेच्युटी रोक दी जाए।

किस-किस पर लागू होगा ये नया फरमान?

देखो, फिलहाल तो ये जो नया नियम है ना, ये सिर्फ केंद्र सरकार (Central Government) के कर्मचारियों पर लागू होगा। लेकिन, हो सकता है कि आने वाले दिनों में राज्य सरकारें (State Governments) भी इसी रास्ते पर चल पड़ें और अपने कर्मचारियों के लिए ऐसे ही नियम बना दें। तो भैया, थोड़ा संभल के रहने की जरूरत है!

अधिसूचना भी जारी हो गई है!

सरकार ने इस बारे में एक official notification भी निकाल दी है। दरअसल, केंद्र सरकार ने जो CCS (पेंशन) नियम, 2021 है, उसके नियम 8 में कुछ नए क्लॉज (provision) जोड़े हैं। इस notification में साफ-साफ लिखा है कि अगर कोई भी केंद्रीय कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान किसी बड़े जुर्म (serious offense) में या काम में लापरवाही (negligence) करते हुए पकड़ा जाता है, तो रिटायरमेंट के बाद उसकी ग्रेच्युटी और पेंशन रोक दी जाएगी।

सरकार ने सबको बता दिया है!

ये जो नियम में बदलाव हुआ है ना, इसकी जानकारी सरकार ने सभी बड़े अधिकारियों को भेज दी है। इतना ही नहीं, ये भी एकदम साफ कर दिया गया है कि जैसे ही किसी दोषी कर्मचारी के बारे में पता चले, तुरंत उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी जाए, बिना किसी देरी के!

कौन करेगा ये कार्रवाई? किसको है ये पावर?

अब आप सोच रहे होंगे कि ये पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का पावर किसके पास होगा? तो सुनिए:

ऐसे चेयरमैन (Chairman) जो रिटायर होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति करने वाली अथॉरिटी (authority) का हिस्सा रहे हों, उनके पास ये हक होगा कि वो ग्रेच्युटी या पेंशन रोक सकें।

ऐसे सेक्रेटरी (Secretary) जो उस मंत्रालय (ministry) या विभाग (department) से जुड़े हों जिसके अंडर में वो कर्मचारी काम करता था, वो भी पेंशन और ग्रेच्युटी रोक सकते हैं।

और अगर कोई कर्मचारी ऑडिट एंड अकाउंट्स डिपार्टमेंट (Audit and Accounts Department) से रिटायर हुआ है, तो ऐसे दोषी कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार CAG (Comptroller and Auditor General of India) के पास होगा।

कैसे होगी ये कार्रवाई, जान लो!

जो नए नियम जारी हुए हैं, उनके मुताबिक अगर नौकरी के दौरान इन कर्मचारियों के खिलाफ कोई डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी (departmental inquiry) या कोर्ट केस (judicial action) चलता है, तो इसकी खबर तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी पड़ेगी। और हां, अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद दोबारा नौकरी करता है (re-employment), तो उस पर भी ये सारे नियम लागू होंगे।

सबसे खास बात तो ये है कि अगर किसी कर्मचारी ने रिटायर होने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी ले भी ली है और बाद में वो दोषी पाया जाता है, तो उससे पेंशन या ग्रेच्युटी की पूरी या कुछ हिस्सा वापस भी लिया जा सकता है!

अब ये कितना पैसा वापस लेना है, ये इस बात पर डिपेंड करेगा कि उस कर्मचारी की गलती से डिपार्टमेंट को कितना नुकसान हुआ है। और जो अथॉरिटी है, वो चाहे तो कर्मचारी की पेंशन या ग्रेच्युटी को हमेशा के लिए या कुछ समय के लिए भी रोक सकती है।

फाइनल ऑर्डर से पहले लेनी होगी सलाह!

नियम ये भी कहता है कि ऐसी सिचुएशन में कोई भी अथॉरिटी फाइनल ऑर्डर देने से पहले संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission – UPSC) से सलाह जरूर लेगी। और एक और जरूरी बात, किसी भी हाल में जहां पेंशन रोकी या वापस ली जाती है, वहां कम से कम 9,000 रुपये हर महीने की पेंशन तो देनी ही होगी, ये नियम 44 के तहत पहले से ही तय है।

तो भैया, ये हैं नए नियम! अब जरा ध्यान से काम करना, नहीं तो रिटायरमेंट के बाद मुश्किल हो सकती है!