DA Update: केंद्र सरकार ने मार्च में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 2 फीसदी की बढ़ोतरी करके थोड़ी राहत दी थी। इस बार भी कर्मचारियों को डीए में बढ़ोतरी की उम्मीद है, लेकिन इस बार महंगाई भत्ता घटने की आशंका जताई जा रही है, जिससे कर्मचारियों को बड़ा झटका लग सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार डीए बढ़ने की संभावना लगभग न के बराबर है। आखिर क्यों मंडरा रहा है यह खतरा? आइए जानते हैं आज की इस खास रिपोर्ट में।

डीए बढ़ोतरी की धीमी रफ्तार

कोविड-19 महामारी के कारण 2019 के बाद तीन अवधियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि रोक दी गई थी। 2021 में, केंद्र सरकार ने डीए बढ़ोतरी फिर से शुरू की और कई बार 3 से 4 प्रतिशत तक की वृद्धि की। लेकिन हाल ही में, इस वृद्धि की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। कुछ समय से सरकार ने डीए में 2 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं की है। यह धीमी गति कर्मचारियों के लिए एक चिंताजनक संकेत है।

डीए में धीमी वृद्धि का क्या है कारण

केंद्र सरकार के अनुसार, इसका मुख्य कारण खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में आई कमी है। एक हालिया रिपोर्ट दर्शाती है कि 2025 के पहले तीन महीनों – जनवरी से मार्च – में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में गिरावट आई है। मार्च में CPI केवल 3.38 प्रतिशत था, जबकि फरवरी में यह 3.61 प्रतिशत था। यह पिछले 5 वर्षों में सबसे कम आंकड़ा है। सरकार का तर्क है कि जब महंगाई कम है, तो डीए बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

क्या डीए बढ़ोतरी अब मुश्किल है

डीए मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) से जुड़ा हुआ है। जब सीपीआई बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, और सरकार कर्मचारियों को उच्च जीवन यापन की लागत से निपटने में मदद करने के लिए डीए बढ़ाती है। लेकिन अगर सीपीआई गिरता है, तो इसका मतलब है कि कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ रही हैं, इसलिए सरकार को डीए बढ़ाने की कोई ज़रूरत महसूस नहीं होती। यही उनका मुख्य तर्क है, जो कर्मचारियों के लिए एक निराशाजनक स्थिति पैदा करता है।

आगे क्या हो सकता है

विशेषज्ञों का मानना है कि जुलाई से दिसंबर 2025 के बीच डीए में बढ़ोतरी बहुत कम हो सकती है। अगर महंगाई कम रहती है, तो दिसंबर में डीए में वृद्धि 2 प्रतिशत से भी कम हो सकती है – या यह बिल्कुल भी नहीं हो सकती है। यह संभावना 48 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 74 लाख पेंशनभोगियों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगी, जिनमें से कई डीए बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे। अगर डीए नहीं बढ़ाया जाता है, तो इसका असर उनके वेतन, भत्तों और दैनिक खर्चों की योजनाओं पर पड़ सकता है। यह एक गंभीर वित्तीय चुनौती बन सकती है।