आज के दौर में, अगर किसी के पास कोई काम शुरू करने या किसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए पैसे नहीं हैं, तो अब आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। आपको किसी और से पैसे माँगने की भी कोई ज़रूरत नहीं है। अब लोग अपनी हर ज़रूरत को पूरा करने के लिए आसानी से लोन (Loan) पा सकते हैं। लोगों को उनकी अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से लोन मिलते हैं।
लेकिन, देश में लगभग 70 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो ज़रूरत के समय बैंकों (Banks) से लोन नहीं ले पाते। इसकी वजह है उनके पास सिक्योरिटी (Security) या अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) का न होना। ऐसी स्थिति में, सरकार की कई ऐसी योजनाएँ (Government Schemes) हैं जो आम लोगों को ब्याज-मुक्त (Interest-Free) या बहुत कम ब्याज (Very Low Interest) पर लोन प्रदान करती हैं।
कई लोगों को लगता है कि ब्याज-मुक्त लोन पाना असंभव है। लेकिन, भारत सरकार और कुछ राज्यों की सरकारों ने ऐसी योजनाएँ शुरू की हैं जिनका उद्देश्य छोटे व्यापारियों (Small Businessmen), किसानों (Farmers) और महिलाओं (Women) को वित्तीय सहायता (Financial Help) प्रदान करना है। इन योजनाओं में, लोन आसान शर्तों (Easy Terms) पर उपलब्ध होता है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोग इनका लाभ उठा सकें।
सरकार की प्रमुख ब्याज-मुक्त या कम ब्याज वाली लोन योजनाएँ
भारत सरकार और राज्य सरकारें नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चला रही हैं। ये योजनाएँ उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं जिन्हें पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली से लोन मिलने में दिक्कत आती है:
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
वर्ष 2015 में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) शुरू की. इस योजना के माध्यम से, सरकार छोटे व्यापारियों को अपना व्यवसाय शुरू करने या बढ़ाने के लिए लोन देती है। इसमें शिशु (Shishu), किशोर (Kishor) और तरुण (Tarun) – इन तीन श्रेणियों में लोन दिए जाते हैं।
शिशु लोन: ₹50,000 तक का लोन।
किशोर लोन: ₹50,001 से ₹5 लाख तक का लोन।
तरुण लोन: ₹5 लाख से ₹10 लाख तक का लोन।
इन लोंस पर ब्याज दरें बहुत कम होती हैं या कुछ मामलों में शून्य भी हो सकती हैं, जो छोटे व्यवसायों के लिए एक बड़ी राहत है.
स्टैंड-अप इंडिया योजना
भारत सरकार ने वर्ष 2016 में स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की। इस योजना में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste – SC), अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe – ST) और महिला उद्यमियों (Women Entrepreneurs) को बढ़ावा दिया जाता है। योजना के तहत, सरकार नया व्यवसाय शुरू करने के लिए ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का लोन देती है। इसमें शुरुआती कुछ महीनों के लिए कोई ब्याज नहीं लिया जाता, जिससे नए उद्यमियों को अपना व्यवसाय स्थापित करने का पर्याप्त समय मिलता है।
महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए राज्य स्तरीय योजनाएँ
यदि कोई महिला अपना व्यवसाय शुरू करना चाहती है, तो देश के कई राज्यों की सरकारें महिला स्वयं सहायता समूहों (Women Self-Help Groups – SHGs) को ब्याज-मुक्त और सब्सिडी (Subsidy) वाले लोन प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में, ड्वाक्रा लोन योजना (Dwacra Loan Scheme) और महिला लोन योजना (Mahila Loan Scheme) जैसी योजनाओं के तहत महिलाओं को लोन दिए जाते हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
किसान क्रेडिट कार्ड
सरकार ने देश के किसानों के लिए भी लोन की व्यवस्था की है। किसान अपनी खेती की ज़रूरतों (Farming Needs) के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ₹5 लाख तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं। इस लोन पर किसानों को 2 से 4% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे ब्याज दरें बेहद कम हो जाती हैं। यह किसानों को बीज, खाद, कृषि उपकरण खरीदने और अन्य कृषि गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।