Apple का बड़ा टारगेट! अब भारत बनेंगे अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhone

Apple India : Apple कंपनी ने लक्ष्य बनाया है की अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhone अब 2026 के अंत तक भारत में बनेंगे। हालांकि, ज़ीरो शुल्क के साथ भारत से फोन के आयात की अनुमति दी गई है जबकि चीन से 20% शुल्क के साथ फोन के आयात पर भुगतान करना पड़ेगा।   

क्या आप भी iPhone के फैन है तो आपको बात दें की Apple कंपनी ने टारगेट रखा है की 2026 के अंत तक अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhone अब भारत में बनेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स ने इस बात की जानकारी दी है। इससे Apple अमेरिका की 80% डिमांड और 100% की घरेलू डिमांड को भारत से ही पूरा कर सकेगी।

इस उद्देश्य से भारत, चीन के बाद iPhone निर्माण में सबसे बड़ा यानी लरजेस्ट केंद्र बंता जा रहा है। टैरिफ दबावों का टेक दिग्गज के द्वारा जवाब दिया जा रहा है और चीन से हो रहे बाहरी प्रोडक्शन को डायवर्सिफ़ाई करेगा। Apple कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी टिम कुक के तरफ से यह जानकारी मिली है। अप्रैल से जून तिमाही के दौरान अमेरिका में बिक्री होने वाले ज्यादेतर iPhone भारत में बनेंगे और भारत से आएंगे। ऐसा अमेरिका सरकार की ओर से लगाए गए जवाबी शुल्क की वजह से होगा।

Apple India
Apple India

फिलहाल अभी भारत से फोन के आयात की जीरो शुल्क के साथ अनुमति दी गई है, वहीं चीन से 20% शुल्क के साथ आयात पर भुगतान करना पड़ता है। अमेरिका की डिमांड को पूरा करने के लिए चीन के बजाय भारत पर जोर देना जरूरी है और ऑप्शन भी सस्ता हो जाता है। वैसे, Apple कंपनी भारत में प्रत्येक साल 40 मिलियन से अधिक iPhone असेम्बल करता है, पिछले साल प्रोडक्शन में करीब 60% की बढ़ोतरी हुई है।

Apple कंपनी के ग्लोबल iPhone शिपमेंट्स की करीब 28% पार्ट अमेरिका मार्केट का है, जो प्रत्येक साल 60 मिलियन से भी अधिक फोन्स का प्रतिनिधित्व करता है। अमेरिका के स्मार्टफोन व्यापार आंकड़ों के मुताबिक, औसत वार्षिक आय पिछले सालों के दौरान करीब 60 अरब डॉलर का रहा है। जिसमें iPhone की पार्टनरशिप 2020 से ही सालाना 38 से 41 अरब डॉलर पर लगभग दो तिहाई रही है।

2024 में Apple कंपनी 391 अरब डॉलर की वैश्विक आय में iPhone का योगदान लगभग 201 अरब डॉलर मतलब 51 फीसदी रहा है। ICEA यानी इंडियन सेल्युलर एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के आकलन के मुताबिक, भारत को आने वाले 2026 में 35 अरब डॉलर वैल्यू के स्मार्टफोन का निर्यात करने में समर्थ होना चाहिए। यह मूल्य एक साल पहले के 25 अरब डॉलर के मुकाबले बहुत ज्यादा है।

Leave a Comment