भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर के बाद, भारत ने अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को साफ शब्दों में कह दिया है कि उसे पहले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) खाली करना होगा, तभी द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो सकती है और सभी मुद्दों का समाधान किया जा सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लंबे समय से हमारा यही मानना रहा है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से होना चाहिए। इस विचार में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष को स्वीकार नहीं करते हैं।

जायसवाल ने साफ तौर पर कहा, “कश्मीर पर इस्लामाबाद के साथ एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों को भारत को वापस करना है।” जायसवाल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने एयरबेस के विनाश के बाद ही अपना रवैया बदला है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच 10 मई को बातचीत के बाद ही सीज़फायर पर सहमति बनी। तो, भारत ने अपनी शर्तों को स्पष्ट रूप से रख दिया है।

PoK लौटाओ, तभी खुलेगा बातचीत का रास्ता

भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि कश्मीर पर किसी भी तरह की बातचीत से पहले उसे PoK खाली करना होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी साफ कर दिया कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता भारत को मंजूर नहीं है। भारत का यह रुख दर्शाता है कि वह अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मामले में किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है।

पाकिस्तान ने एयरबेस तबाह होने के बाद बदला सुर

जायसवाल ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने अपना रवैया तब बदला जब उसके एयरबेस हवाई हमलों में तबाह हो गए। उन्होंने कहा कि उसी दिन दोपहर 12:37 बजे पाकिस्तान की ओर से अनुरोध आया था। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी कारणों से दोनों डीजीएमओ होटल पर एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर सके, जिसके बाद दोपहर 15:35 बजे उनके बीच फिर से बातचीत संभव हो पाई। भारत ने इस पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है, जिससे पाकिस्तान के दावों की पोल खुल गई है।

भारत ने ट्रंप के दावे को किया खारिज

जायसवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने सीज़फायर के लिए व्यापार का जिक्र किया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अमेरिकी नेता के साथ बातचीत में व्यापार का कोई जिक्र नहीं आया। इससे पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को घोषित सीज़फायर के बारे में व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, “हमने बहुत मदद की! हमने व्यापार में मदद की। हमने कहा कि हम आपके साथ बहुत व्यापार करते हैं, इसे (लड़ाई) बंद करो। अगर आप करते हैं, तो हम व्यापार करेंगे, अगर आप नहीं करते हैं, तो हम व्यापार नहीं करेंगे। जैसे ही व्यापार बंद करने की बात आई, वे तुरंत संघर्ष रोकने के लिए सहमत हो गए!” लेकिन भारत ने इस दावे को सिरे से नकार दिया है।

आतंकवाद को पालना बंद करे तभी होगी बात

पीटीआई जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को एक उद्योग की तरह पोषित किया है। उन्होंने कहा, भारत ने उन आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त कर दिया जो न केवल भारतीयों बल्कि दुनिया भर के कई अन्य निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थे। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित रखेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से बंद नहीं कर देता। भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है।

UNSC को TRF के बारे में और सबूत देगा भारत

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम अभी पाकिस्तान को पानी नहीं देंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु हमले की अटकलों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक हथियारों तक सीमित थी। उन्होंने कहा कि हम आतंकवादी संगठन TRF के बारे में UNSC को और सबूत देंगे। जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान हारने के बाद भी जश्न मनाता है और उसकी हार के बाद भी ढोल पीटने की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय ठिकानों पर हमलों का झूठा प्रचार किया।भारत हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने के चेहरे को बेनकाब करता रहेगा।