S-400: पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की एक श्रृंखला शुरू कर दी, लेकिन हमारे वायु रक्षा प्रणाली S-400 ने हर हमले को विफल कर दिया। जम्मू और कश्मीर और पंजाब में पाकिस्तान के हमले को आठ पाकिस्तानी मिसाइलों को मार गिराकर नाकाम कर दिया गया। पाकिस्तान ने सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया में मिसाइल हमले किए। इसके अलावा, पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा और बारामूला जिलों में एलओसी पर बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। तो, कैसे हमारे ‘सुदर्शन चक्र’ ने दुश्मनों के मंसूबों पर पानी फेरा? आइए जानते हैं।
क्या पाकिस्तान ने भारतीय सेना का मज़ाक उड़ाने की कोशिश की
पाकिस्तान ने जिन ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, उनमें अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उरलाई और भुज जैसे रणनीतिक ठिकाने शामिल थे! लेकिन, दुश्मन को शायद हमारी ताकत का अंदाज़ा नहीं था। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि देश के एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड और वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को पूरी तरह से विफल कर दिया। यह हमारी रक्षा तैयारियों की एक बड़ी जीत है।
S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम क्या है
Look how the Amazingly Air Defence System is working over Jammu Citypic.twitter.com/RYLe6V6mjR
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) May 8, 2025
S-400 एक उच्च गति वाली वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे रूस द्वारा विकसित किया गया है, और यह एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है! यह प्रणाली उच्च ऊंचाई पर विमानों, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिरा सकती है! इसमें तीन मुख्य भाग होते हैं – मिसाइल लांचर, शक्तिशाली रडार और एक कमांड सेंटर। रक्षा मंत्रालय ने 2021 में कहा था, ‘S-400 प्रणाली के आने से देश की वायु रक्षा प्रणाली में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा हुआ है। यह एक बहुत बड़े क्षेत्र को लगातार और प्रभावी ढंग से सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है!’ इसे भारतीय वायुसेना में ‘सुदर्शन चक्र’ के नाम से भी जाना जाता है, जो इसकी अचूक क्षमता को दर्शाता है।
7 साल पहले हुआ था भारत और रूस के बीच यह बड़ा सौदा
भारत और रूस के बीच यह सौदा 7 साल पहले हुआ था! 5 अक्टूबर 2018 को भारत और रूस के बीच लगभग 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से S-400 की पांच यूनिट खरीदने का समझौता हुआ था। S-400 की लंबी दूरी की मारक क्षमता इसे नाटो देशों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनाती है! इस प्रणाली में लगभग सभी आधुनिक लड़ाकू विमानों को ट्रैक करने और नष्ट करने की क्षमता है। यह हमारी वायुसेना को एक अद्वितीय रणनीतिक बढ़त प्रदान करता है, जिससे हमारी सीमाएं और भी सुरक्षित हो जाती हैं।