पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच दिल्ली में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे। इस उच्च-स्तरीय बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया। करीब एक घंटे तक चली इस गंभीर मंत्रणा के बाद भी, राजनाथ सिंह काफी देर तक प्रधानमंत्री के साथ बैठे रहे।
पहलगाम हमले के बाद यह राजनाथ सिंह की पीएम मोदी के साथ चौथी बैठक है, और पिछले 12 घंटों में दूसरी मुलाकात है। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत कुछ बड़ा कदम उठाने का फैसला कर चुका है. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सेना को पूरी स्वतंत्रता दे दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देना हमारा दृढ़ राष्ट्रीय संकल्प है और हमें अपनी सेना की पेशेवर क्षमता पर पूरा भरोसा है। सेना अपनी जवाबी कार्रवाई की विधि, उसके लक्ष्यों और समय का निर्धारण करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है।
आज CCS की दूसरी अहम बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की भी एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। पहलगाम हमले के बाद यह CCS की लगातार दूसरी बैठक है। CCS देश की सुरक्षा मामलों पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। इसी बैठक में यह फैसला लिया जाता है कि आगे इस मामले से कैसे निपटना है। राजनाथ सिंह ने एक दिन पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, और दोनों के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई थी। उससे पहले राजनाथ सिंह ने सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से भी मुलाकात की थी। सरकार सभी विकल्पों पर गहराई से विचार कर रही है, यही वजह है कि बैठकों का यह दौर लगातार जारी है।
तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह भी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि यह बैठक सुरक्षा से जुड़े एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर हो रही है। भविष्य में इससे कैसे निपटा जाए, इस पर एक विस्तृत योजना तैयार की जा रही है।
पाकिस्तान की बड़ी साजिश का अंदेशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहलगाम हमले को सिर्फ एक आतंकी घटना के तौर पर नहीं देख रहे हैं, बल्कि इसके पीछे एक बड़ी आतंकवादी साजिशकी संभावना है। इस बैठक में सुरक्षा रणनीति, खुफिया जानकारी और संभावित जवाबी कदमों की गहरी समीक्षा की जा सकती है। जिस तरह से यह हमला हुआ है और जिस समय पर हुआ है, वह भी इशारा करता है कि पाकिस्तान कुछ नापाक इरादे पाले हुए है।