सोशल मीडिया पर तुर्की और अज़रबैजान की यात्रा का बहिष्कार करने की ज़ोरदार अपील के बीच, ट्रैवल प्लेटफॉर्म MakeMyTrip ने बुधवार को चौंकाने वाला खुलासा किया। कंपनी ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में इन दोनों देशों के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है, जबकि कैंसिलेशन में ढाई गुना यानी 250 प्रतिशत की ज़बरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।

कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पूरे देश में पाकिस्तान को समर्थन देने के कारण तुर्की और अज़रबैजान की यात्रा का बहिष्कार करने की अपील तेज़ी से बढ़ रही है। तो, अगर आप भी विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो जानिये भारतीयों के इस बड़े फैसले के पीछे की असली वजह।

ऑपरेशन सिंदूर

भारत ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात को कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में छिपे नौ आतंकी अड्डों को तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन के तहत, पाकिस्तान की ओर से किए गए नापाक हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया गया। इस साहसिक कदम ने पूरे देश में देशभक्ति की एक नई लहर पैदा कर दी है।

भारतीयों में फूटा गुस्सा, यात्रा का किया बहिष्कार

तुर्की और अज़रबैजान दोनों देशों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की थी। MakeMyTrip के एक प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पिछले एक हफ्ते में भारतीय यात्रियों ने अपनी गहरी भावनाओं को ज़ोरदार तरीके से व्यक्त किया है। अज़रबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की भारी कमी आई है, जबकि कैंसिलेशन में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीयों का यह कदम इन देशों के प्रति उनके कड़े विरोध को साफ़ तौर पर दर्शाता है।

MakeMyTrip का बड़ा बयान

MakeMyTrip के प्रवक्ता ने आगे कहा कि अपनी मातृभूमि के साथ एकजुटता और हमारे वीर सशस्त्र बलों के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हुए, हम इस भावना का पुरज़ोर समर्थन करते हैं और सभी को सलाह देते हैं कि अज़रबैजान और तुर्की की अनावश्यक यात्रा से बचें। कंपनी का यह बयान भारतीयों की देशभक्ति की भावना का सम्मान करता है और उन्हें सोच-समझकर यात्रा करने के लिए प्रेरित करता है।

सेब और मार्बल का भी बहिष्कार

भारत तुर्की से विभिन्न प्रकार के मार्बल (ब्लॉक और स्लैब); ताज़े सेब (लगभग एक करोड़ डॉलर), सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट; खनिज तेल; रसायन; प्राकृतिक या सुसंस्कृत मोती; लोहा और इस्पात जैसी कई चीज़ें आयात करता है। ऐसी स्थिति में, अब भारतीयों ने तुर्की से आने वाले इन सामानों का भी विरोध करना शुरू कर दिया है। जिसके कारण आने वाले दिनों में तुर्की को करोड़ों डॉलर का भारी नुकसान होने वाला है। भारतीयों का यह कदम न केवल यात्रा तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यापारिक स्तर पर भी अपना असर दिखा रहा है।